गलती किसकी? ऐसे अद्भुत अनुभवों का संकलन है जो व्यक्तिगत रूप से अभिव्यक्त किए गए हैं, जिन्हें बिना किसी कांट-छांट के प्रस्तुत किया गया है। यह ऐसे लोगों की कहानी है जिन्हें अपने अतीत की गलती की पीड़ा का अहसास मात्र है ।
जीवन के ऐसे सच्चे अनुभव जो कड़वी सच्चाई का भीतर से ज्ञान कराते ', जिसे कोई स्मरण नहीं करता, अहसास भी नहीं । मगर पाठक के दिलों- दिमाग को झकझोर कर रख देता है, हिलाकर रख देता है । ऐसी गलती, जिसे रोकने के लिए समाज के सजग प्रहरी लगे हुए हैं रात-दिन, हर वक्त । समसामयिक विषयों को उकेरता-कुरेदता और सवाल-दर-सवाल खड़ा करता एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज ।
भारत का एक ऐसा मुखर व्यक्तित्व जिसकी अपनी एक अलग पहचान है, वह नाम है किरण बेदी । पुलिस विभाग में इतिहास रचने वाली किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की पहली महिला अधिकारी हैं । पुलिस सेवा में नई मंजिलें, नई ऊंचाइयों की तलाश करता यह व्यक्तित्व अपराधी से अपराध को कोसों दूर करने और नशे की लत को छुड़ाने में, पुलिस विभाग में आध्यात्मिक प्रशिक्षण देने में और झोपड़-पट्टी के बच्चों को ज्ञान व शिक्षा के प्रसार में अद्भुत योगदान देने के लिए प्रसिद्ध है ।
रमन मैग्सासे पुरस्कार, जिसे एशिया का नोबल पुरस्कार माना जाता है, से सम्मानित पुलिस अधिकारी किरण बेदी की यह तीसरी कृति है ।