हाइपरटेंशन के अनेक कारण हैं। यह अधिक वजन, खान-पान की गलत आदतों (नमक युक्त आहार, कैल्शियम व पोटैशियम की कम मात्रा लेना, उच्च वसायुक्त आहार), तनाव, मनोवैज्ञानिक कारकों व शारीरिक गतिविधियों की कमी आदि के कारण होता है। यदि रक्तचाप के रोगी को धूम्रपान की भी लत हो तो हार्ट अटैक का खतरा और भी बढ़ जाता है। वैसे माना जाता है कि तनाव उच्चरक्तचाप का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण है तथा रोग के लिए 50% तक उत्तरदायी है।
यह पुस्तक इसलिए भी महत्त्व रखती है क्योंकि भारत में करोड़ों उच्चरक्तचाप के रोगी नहीं जानते कि वे यह रोग होने पर क्या करें। अधिकतर डॉक्टरों के पास भी उन्हें इस विषय में प्रशिक्षित करने का समय नहीं होता। हृदय रोग विशेषज्ञ उन रोगियों में इतनी दिलचस्पी नहीं लेते जो अपने बी.पी. पर काबू पाना चाहते हैं। वे बाइपास सर्जरी, एंजियोप्लास्टी या हार्ट अटैक के रोगियों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। नतीजतन उच्चरक्तचाप के रोगियों को पूरी चिकित्सा नहीं मिलती या वे सिर्फ दवाएं लेते रहते हैं। यह पुस्तक इस बारे में संपूर्ण जानकारी देगी जिसकी मदद से उच्चरक्तचाप के रोगी अपनी जिज्ञासा शांत कर सकते हैं ।