अकबर का राज्य संपूर्ण भारत पर तो छोड़िए आधे भारत पर भी नहीं रहा, पर उसे हिंदुस्तान का सम्राट कहा जाता है। दूसरी ओर भारत के अंतिम हिंदू सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य को भुला दिया जाता है, जिसने अपने जीवन में 20 से अधिक युद्धों में विदेशी हमलावरों को पराजित किया था और जिसका दिल्ली ने वास्तविक सम्राट के रूप में स्वागत किया था।
कहने का अभिप्राय है कि भारत के शौर्य ने जैसे अब से पूर्व के सुल्तानों को निशंक शासन नहीं करने दिया था, वैसे ही उसने बाबर, हुमायूं, शेरशाह, अकबर और जहांगीर को भी निशंक शासन नहीं करने दिया। सर्वत्र विरोध, प्रतिरोध और प्रतिशोध की त्रिवेणी बहती रही और हिन्दू अपने धर्म और देश की रक्षा के लिए निरंतर सचेष्ट और क्रियाशील रहा...उसकी तलवार को और उसकी हुंकार को इतिहास की आत्मा ने सदा नमन किया है।