रानू एक ऐसे उपन्यासकार हैं जो धड़कते दिलों की दास्तां को इस तरीके से बयान करते हैं कि पढ़ने वाला सम्मोहित हो जाता है। किशोर और जवान होते प्रेमी-प्रेमिकाओं की भावनाओं को व्यक्त करने वाले चितेरे कथाकार ने अपनी एक अलग पहचान बनायी है। प्यार की टीस, दर्द का एहसास, नायिका के हृदय की वेदना, नायक के हृदय की निष्ठुरता का उनकी कहानियों में मर्मस्पर्शी वर्णन होता हैं। इसके बाद नायिका को पाने की तड़प और दिल की कशिश का अनुभव ऐसा होता है मानो पाठक खुद वहां हों। रानू अपने साथ पाठकों भी प्रेम सागर में सराबोर हो जाते हैं। उनके उपन्यास की खास बात ये है कि आप उसे पूरा पढ़े बगैर छोड़ना नहीं चाहेंगे।
कोमल प्यार की भावनाओं से लबररेज रानू का नया उपन्यास 'बन्द होंठ' आपकी हाथों में है।