लेखक परिचय डॉ. जशभाई पटेल का जन्म 15 अगस्त, 1957 में गुजरात राज्य के खेडा जिले के ठासरा तहसील के छोटे-से गाँव कालसर में हुआ था। डॉ. जशभाई पटेल ने कक्षा-1 से 7 तक गाँव की प्राथमिक शाला में और कक्षा- 8 से 11 तक भी गाँव के हाईस्कूल में अभ्यास किया। गरीबी के कारण घर में बिजली नहीं होने से लालटेन और दीये के उजाले में सन् 1974 में ओल्ड एस.एस.सी. पास की। खेत-मजदूरी का काम करते-करते भवन्स कॉलेज-डाकोर से बी.ए. का अभ्यास पूर्ण किया। उन्होंने भाषा साहित्य भवन, अहमदाबाद से कई कठिनाइयों का मुकाबला करके 1982 में एम.ए. का अभ्यास पूर्ण किया। एम.ए. करने के बाद भाषा निदेशालय - गांधीनगर में जशभाई को भाषांतरकाल की नौकरी मिली और 1990 में Regional Elements in Gujarati Novels में Ph.D की पदवी हासिल की। परंतु 1993 में डॉ. जशभाई की नौकरी छूट गई। एम.ए. का अभ्यास करते-करते अपने वतन चरोतर प्रदेश का चितार देने वाली सामाजिक उपन्यास 'पवित्र प्रेम' 2010 में प्रकाशित हुई। इस उपन्यास की प्रस्तावना गुजरात राज्य के तत्कालीन आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदीजी ने लिखी। इस तरह डॉ. जशभाई के उत्साह-आनंद-खुशी में और बढ़ावा हुआ। आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी जैसी विराट अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभा को शब्दस्थ करके गुजराती में “आपणो भेरुबंध-नरेन्द्र मोदी” वर्ष 2012 में पुस्तक प्रकाशित किया। गुजरात में भाईचारा, एकता, शांति और सद्भाव को, एक मंच पर गुजरात की जनता को लाने के लिए श्री नरेन्द्रभाई मोदीजी ने सद्भावना मिशन शुरू किया था। मुख्यमंत्री कार्यालय में सेवारत होने के कारण फर्ज के भागरूप डॉ. जशभाई पटेल को सभी सद्भावना में जाना पड़ता था, इसलिए डॉ. जशभाई सद्भावना के साक्षी बन गए। साक्षीभाव के रूप में डॉ. जशभाई पटेल ने “सद्भावना की सरिता- नरेन्द्र मोदी” नामक दूसरी पुस्तक का सृजन किया है जो अभी प्रकाशन