जीवन किसी इंसान का हो या किसी चींटी का। सिर पर बोझा ढोने वाले किसी मजदूर का हो या बगीचे में खिलने वाले किसी फूल का। प्रेरणा किसी से भी, कभी भी, कहीं भी ली जा सकती है। रूपांतरित किसी से भी, कैसे भी हुआ जा सकता है। ऐसे में संतों की, खासतौर पर आधुनिक संतों की जीवनी व उनकी जीवन यात्रा अपने में विशेष महत्त्व रखती है। क्योंकि वह जितनी बाहरी होती है उतनी ही आंतरिक भी होती है। जितनी व्यावहारिक होती है उतनी ही आध्यात्मिक होती है। आत्मा-परमात्मा का बोध हो या जीवन के संघर्ष की घड़ियां, हर पहलू एवं पड़ाव में इनके जीवन में संतुलन और आनन्द को सहज देखा जा सकता है। संतों का जीवन एक आम आदमी के लिए किसी विश्वविद्यालय से कम नहीं होता। उनका एक वाक्य ग्रंथ समान होता है जो हमें प्रेरित कर हमारे लिए मार्गदर्शक का कार्य करता है। हमें सफलता के सूत्रों के साथ-साथ आत्म-जागरण के गुण भी सिखाता है।
भारत की भूमि संतों की भूमि रही है। संतों का व्यक्तित्व व उनकी आध्यात्मिक यात्रा लोगों के लिए सदा आकर्षण व जिज्ञासा का केंद्र रही है। यह पुस्तक संतों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के माध्यम से उनके रहस्यमयी जीवन एवं आध्यात्मिक यात्रा को उजागर करती है।