डॉ. हरीश नवल का जन्म 8 जनवरी, 1947 पंजाब के जालंधर जिले में हुआ। इन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए., एम. लिट. तथा पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की है। व्यंग्य के इस सशक्त रचनाकार की अन्नय पुस्तकों का प्रकाशन हुआ है, जिसमें प्रमुख है बागपत के खरबूजे, पीली छत पर काला निशान, दिल्ली चढ़ी पहाड़, मादक पदार्थ, आधी छुट्टी की छुट्टी, दीनानाथ का हाथ, वाया पेरिस आया गांधीवाद, वीरगढ़ के वीर, मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ, निराला की गली में, हिन्दी नाटक : तीन दर्शक, रंगमंच – संदर्भ, नव साहित्य की भूमिका और माफिया जिंदाबाद तथा छोटे परदे का लेखन (प्रकाश्य) है।