सार्थकता पूर्ण हास्य स्वस्थ मानव जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण औषधि है। हँसमुख होना मनुष्य के गुणों में गिना जाता है । सामाजिक एवं व्यक्तिगत जीवन में इस गुण से कितने ही जटिल प्रश्न सहज ही सुलझ जाते है । हास्य का महत्त्व जीवन के सभी क्षेत्रों में व्याप्त है। वास्तव में यही वह गुण है जो मनुष्य को अन्य जीवों से अलग करता है । हँसने-हँसाने की शक्ति केवल मनुष्य में ही है। यह हमारे मानसिक तथा भाव जगत के संतुलन की रक्षा करते हैं ।
उपन्यासों की अपेक्षा नाटकों में हास्य-व्यंग्यात्मक पक्ष अधिक मिलता है । व्यंग्य तक होने वाले हास्य की मात्रा परिहास परत होती है। अच्छा व्यंग्य हमारे मस्तिष्क में ऐसे खटकता है जैसे आँख में किरकिरी ।
'21 तमिल कहानियाँ' व्यंग्य कथा संग्रह तमिल से हिन्दी में प्रथम प्रयास है । जिसे पढ़कर पाठक स्वयं को हास्य और उल्लास की परिधि में अवश्य पाएगा ।