कोई 50 साल पहले 19 वर्षीया इतालवी छात्रा सोनिया माइनो की भेंट एक युवा भारतीय छात्र राजीव गांधी से हुई जब दोनों ही कैम्ब्रिज में अध्ययन कर रहे थे।
सोनिया का जन्म, तूरीन नामक एक छोटे शहर के एक साधारण से परिवार में हुआ, जहां उनके पिता अपनी तीनों पुत्रियों को कड़े अनुशासन में रखते। यह पिता के लिए बहुत ही तकलीफ की बात रही कि उनकी संकोची स्वभाव की मंझली बेटी एक ऐसे पुरुष से प्रेम कर बैठीं, जो भारत के सबसे शक्तिशाली परिवार से संबंध रखता था। इस प्रकार एक ऐसी प्रेम कहानी का जन्म हुआ, जो सबसे अनोखा था। एक बेलौस और जिंदादिल इतालवी लड़की को मजबूरन राजनीति की फ़ीकी और उदास जिंदगी का हिस्सा बनना पड़ा।
यह पुस्तक सोनिया के आत्मीय मित्रों तथा सहकर्मियों से प्राप्त सूचना एवं स्रोतों पर आधारित है जो बताती है कि किस प्रकार सोनिया अपने साहस, ईमानदारी और समर्पण के बल पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में एक नेता के रूप में उभरीं। उनके शांतिपूर्ण बचपन से ले कर आवेगयुक्त प्रेम प्रसंग तक, और एक घरेलू बहू से एकमात्र भारतीय राजनेता बनने की कहानी है। 'द रेड साड़ी’ एक ऐसी असाधारण महिला की कथा है जिसने प्रधानमंत्री पद को भी ठुकरा दिया हो और उसके घर—परिवार व बेनाम सपनों को नियति ने कुचल कर रख दिया। यह पुस्तक बांग्लादेश युद्ध, आपातकाल, ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार तथा आधुनिक भारतीय इतिहास को नया रूप देने वाली घटनाओं की पृष्ठभूमि में प्रसिद्ध नेहरू—गांधी परिवार के जीवन की जीवनशैली का सजीव चित्रण भी करती हैं।
लेखक जेवियर मोरो ने एक अन्वेषक के रूप में, ऐसी सीधी—साधी नवयुवती की सच्ची कहानी लिखी है, जिसे भारतीय राजनीति के जटिल व खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। वे एक ऐसे परिवार की साजिशों से घिरी रहीं, जिसे धिक्कारने के साथ—साथ सराहा भी जाता था। यही कारण है कि यह पुस्तक अपनी रोचकता के साथ ही ऐतिहासिक घटनाओं का आईना भी है।