हाल के दस वर्षों में पाककला और व्यंजनों का जिस तरह से अंतरराष्ट्रीयकरण हुआ है, उस परिवेष में घर पर ही विभिन्नता से भरपूर स्वादिष्ट व्यंजन बनाना सचमुच एक कला है। पाककला या व्यंजनों पर पुस्तकों की आज कोई कमी नहीं है। हर पुस्तक में पाकषास्त्र से जुड़ी कोई-न-कोई विषेषता मिल ही जाती है। श्रीमती आषा अग्रवाल की इस पुस्तक में भारत के पारंपरिक स्वाद से लेकर अंतरराष्ट्रीय रसोई का भी भारतीयकरण किया गया है। कांटीनेन्टल हो या चाइनीज; सभी व्यंजनों को भारतीय गृहिणी अपनी रसोई में कितनी सुगमता से बना सकती है, यह इस पुस्तक से सीखी जा सकती है। व्यंजन बनाने में सरलता के साथ-साथ विधि का स्पष्ट होना पुस्तक की विषेषता है। पुस्तक में दी गई विधियों से बनाए गए व्यंजनों में विदेषी और देषी सम्मिश्रण के स्वाद का भी अनुभव किया जा सकता है।