सफल वे नहीं होते, जो कभी गिरते नहीं है, बल्कि वे होते है, जो गिरने के बाद गिरने के कारणों का मूल्यांकन करके फिर उठ खड़े होते है। ऐसा कर पाना सुनने में जितना आसान लगता है, उतना होता नहीं है। यह किताब आपको इसी गिरने के बाद उठने के बारे में बताती है और अंततः वहाँ तक पहुँचाती है, जहाँ आप पहुँचना चाह रहे है। जब कोई असफल हो जाता है, तो कोई उसके साथ नहीं होता। लेकिन आप यकीन कर सकते है कि यदि यह पुस्तक आपके साथ है, तो आपको किसी के भी साथ की कमी नहीं खलेगी। लेखक ने इसमें सिद्ध किया है कि असफलता जैसा कुछ होता ही नहीं है। यह केवल एक पड़ाव है सफलता के रास्ते में। इस पर ठहर जाने या आगे बढ़ जाने से ही सारा फर्क पड़ जाता है। असफलता और सफलता की ज़मीनी सच्चाइयों से रूबरू कराने वाली अद्भुत पुस्तक है यह।