दरअसल, यह किताब राम के ज़रीए उस जादुई तत्व की तलाश करती है, जिसके मिलते ही कोई भी राम बन जाता है। जी हाँ, आप भी। विश्लेषण एकदम नया है, चामत्कारिक और रोमांचकारी भी। राम के चरित्र के इतने नये आयाम आपको इसमें पहली बार देखने को मिलेंगे। राम क्या थे? इस सवाल के जवाब में प्रश्न यह है कि वे क्या नहीं थे- एक आदर्श पुत्र, पति, भाई, शासक, देव, दोस्त, सहायक तथा और भी न जाने क्या-क्या? जाहिर है कि राम के चरित्र का यह आदर्श रूप भला किसको सम्मोहित नहीं करेगा! यदि आपके साथ भी ऐसा है, और आप भी उनके जैसा ही कुछ होना चाहते हैं, तो निश्चित तौर पर यह किताब आपकी मदद करेगी। “यह किताब मूलतः एक यात्रा है, राम के उस रहस्य को खोजने की, जिसने उन्हें भगवान बना दिया।”