101 Laghukathayein
101 Laghukathayein

101 Laghukathayein

  • Tue Jul 25, 2017
  • Price : 65.00
  • Benten Books
  • Language - Hindi
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प्रतिष्ठित लेखक डॉ. विजय अग्रवाल की ये लघुकथाएँ स्वयं पर लगाए जाने वाले इस आरोप को झुठलाती हैं कि लघुकथाएँ लघु तो होती हैं, लेकिन उनमें कथा नहीं होती। इस संग्रह की लघुकथाओं में कथा तो है ही, उन्हें कहने के ढंग में ‘कहन’ की शैली भी है। इसलिए ये छोटी-छोटी रचनाएँ पाठक के अंतर्मन में घुसकर वहाँ बैठ जाने का सामर्थ्य रखती हैं। ये लघुकथाएँ मानव के मन और मस्तिष्क के द्वंद्वों तथा उनके विरोधाभासों को जिंदगी की रोजमर्रा की घटनाओं और व्यवहारों के माध्यम से हमारे सामने लाती हैं। इनमें जहाँ भावुक मन की तिलमिलाती हुई तरंगें मिलेंगी, वहीं उनके तल में मौजूद विचारों के मोती भी। पाठक इसमें मन और विचारों के एक ऐसे मेले की सैर कर सकता है, जहाँ बहुत सी चीजें हैं, और तरीके एवं सलीके से भी हैं। इस संग्रह की विषेषता है- सपाटबयानी की बजाय किस्सागोई। निष्चय ही ये लघुकथाएँ सभी पाठकों को कुरेदेंगी, गुदगुदाएँगी और सोचने को विवष भी करेंगी।