जी हाँ, मैं गीध होना चाहता हूँ। आप चौंके नहीं, मैं सच कह रहा हूँ, मैं गीध होना चाह रहा हूँ। आप कहेंगे, मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है, मैं Senile या Anile हो गया हूँ, मेरे मस्तिष्क के कील-कांटे ढीले पड़ गए हैं, मेरे दिमाग के Screw loose हो गए हैं, पर सो बात भी नहीं। मेरी बुद्धि बिलकुल ठीक है जैसे आपकी। मेरा दिमाग उसी तरह चुस्त-दुरुस्त है, ठीक से काम कर रहा है जैसे आपका । मेरे मस्तिष्क के कील-कांटे बिलकुल Tight हैं, चुस्त हैं, अपनी जगह पर हैं यानी मैं कह सकता हूँ की मेरी बुद्धि सवा सोलह आने चुस्त-दुरुस्त है, आज की भाषा में सवा सौ पैसे ठीक है। Cent-percent normal, perfectly normal - शत प्रतिशत व्यवस्थित हूँ मैं।