love @ dharmsala
love @ dharmsala

love @ dharmsala

This is an e-magazine. Download App & Read offline on any device.

Preview

मेरे लिये इस उपन्यास का लिखना वैसा ही रहा है, जैसे किसी विकट पीड़ा के दौरान तन-मन से प्रभु से प्रार्थना करना। इसे लिखने का मेरा उद्देश्य मात्र और मात्र अपनी प्रेयसी, अपनी पत्नी को रोजाना के पलों में याद करना, महसूस करना और उसके साथ जीना है।
वर्ष 2014 में मेरे विवाह के उपरान्त अब तक प्रेम का विरह रूप ही हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। मैं और मेरी पत्नी अनिका, दोनों केन्द्र सरकार की सेवा में हैं। किन्तु दुर्भाग्यवश कुछ प्रशासनिक उदासीनताओं के चलते हम दोनों देश के अलग-अलग राज्यों में सेवा करने और रहने को विवश रहे हैं। अनिका हिमाचल प्रदेश में और मैं उत्तर प्रदेश के लखनऊ में।
खैर मुझे विश्वास है कि हमारी प्रार्थना और हमारे पावन-प्रेम की प्रगाढ़ता रंग लायेगी और जल्द ही हम दोनों एक छत के नीचे सुख-दुःख के क्षणों के साझीदार होंगे। यह उपन्यास आप तक पहुँचाते समय भी मुझे लग रहा है कि मैं यही प्रार्थना मन ही मन दोहरा रहा हूँ, बार-बार.... निरन्तर ।
उपन्यास का भावनात्मक और साहित्यिक मूल्यांकन अब आपके हाथ में।

More books From ANURADHA PRAKASHAN (??????? ??????? ?????? )