प्रिय पाठकों! आपके हाथों में मेरी प्रथम काव्य पुस्तक 'काव्य किरण' मौजूद है। इस पुस्तक में आपको काव्य की अनेक विधाओं में रचनाएँ पढ़ने को मिलेंगी।
इसमें मेरे जीवनकाल के 47 वर्षों का चुनिंदा, अमूल्य काव्य-भंडार है। इसमें मेरी नवीनतम से लेकर मध्यकाल एवं प्रथम रचनाओं का त्रिवेणी संगम है। अपने प्रिय पाठकों को इस त्रिवेणी में मन-मस्तिष्क से गोते लगाने एवं काव्य-रसों का अनूठा आनंद उठाने के लिए सहर्ष आमंत्रित करती हूँ।
यह एक भाव-प्रधान रचना है। मेरा उद्देश्य आपको साधारण भाषा में, सरलतापूर्वक सभी भावों का रसा-स्वादन करवाना है। (भाव) किसी हृदय से उत्पन्न वह अमृत है, जिसकी मौजूदगी इंसान को अद्वितीय संतोष प्रदान करती है। (मातृ-भाव, पितृ-भाव, मैत्री-भाव, स्वराष्ट्रीय-भाव, विश्वबन्धुत्व-भाव, प्रीत-भाव, विरह-भाव) इन सभी के साथ-साथ आपको इस पुस्तक में शृंगार-रस, प्रकृति का मानवीकरण संयोग, सावन की मस्ती से ओत-प्रोत एवं सकारात्मक सोच का जादू लिए, मन-मोहक रचनाओं का अनूठा संगम देखना को मिलेगा।
इस पुस्तक में विशेष जो आप देखेंगे कि मेरे प्रिय नव-कवियों के मार्ग-दर्शन हेतु जीवन के (44) पहलुओं पर दृष्टिपात किया गया है। इस कविता के द्वारा मेरा सुन्दर, सुनहरा सपना एक से असंख्य कवियों का विस्तार करना है, जो भविष्य में स्वयं के हृदय में उन भावों को पैदा कर, मौलिक रचनाएँ रचें ।