बिहार विभूति आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा पश्चिम चंपारण के बेतिया में स्थित महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय में अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष रहीं। आ एगो आदर्श शिक्षक के साथ साथ ललित निबंधकार भी रहीं, कवि भी रहीं, समीक्षक भी रहीं, पत्र-लेखक भी रहीं, ओजस्वी वक्ता भी रहीं। इहे ना। टेनिस के बहुत अच्छा खिलाड़ी भी रहीं। ट्रेड यूनियनिस्ट भी रहीं। शिक्षक के कल्याण खातिर कई बार आमरण अनसन कइनी आ जेलो गइनी। जे पी आंदोलन में भी मीसा में गिरफ्तार होखे वाला जिला के पहिला आदमी रहीं। इ बात दोसर बा कि बिहार सरकार के जे पी सम्मान से इंहा के वंचित रहनी । मरणोपरांत भी आज तक वंचिते बानी। कहे के मतलब बा कि उहां के बहुआयामी व्यक्तित्व रहे, बहुवर्णी व्यक्तित्व रहे, बहुमुखी चाहे कहीं बहुपक्षी व्यक्तित्व रहे।