इस पुस्तक में ज्ञान की चीजें दी तो गई हैं। किन्तु इसमें क्या होगा और क्या नहीं होगा ये निश्चय, निर्धारण एवं पुष्टि हम अभी नहीं कर रहे और न ही करेंगे पर इस पुस्तक में विश्व से हटकर चीजें तो जरूर देंगे । जोकि आजतक अपने जीवन में पाठकों ने नहीं पढ़ीं होंगी। इसमें ऐसे- ऐसे विषयों पर से पर्दा उठाया गया है कि पढ़ते ही रह जाओगे । इसमें किसी भी चीज के बारे में यों ही न लिखकर उस परिस्थिति से गुजरने के बाद जब भोगकर उसका निदान जो रहता है, वो लिखा है। कहने का तात्पर्य है कि इसमें कुछ भी दे सकते हैं। अगर ये मानना हो कि जो मन में आया वो दे रहे हैं तो ये लोगों की समझ है। पुस्तक के बारे में काफी विवरण दे चुके हैं। अब खरीदना हो या न खरीदना हो तो वह स्वयं की इच्छा है।