SAFARNAMA
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जिन्दगी के इस सफर में जो भी मैने महसूस किया, उन्हीं एहसासों को पन्नें पर उकेरने का यह मेरा प्रथम प्रयास है। यूं तो लम्हें अच्छे, बुरे, आनंद से भरें हुए, प्रेम से परिपूर्ण, विरह में डूबे हुए, वास्तविक्ता से सने हुए हर किस्म के सभी लोगों कि जिन्दगी में आते हैं, मगर हम में से कुछ को यह सौभाग्य मिलता है कि हम उनका जीवन्त चित्रण कलम से कर सके। मेरी यह पुस्तक इसी का एक प्रयास है। एहसासों एवम् भावनाओं को व्यक्त करने से एक तृप्ति का भाव आता है... सम्पूर्णता का एहसास होता है कि मै जिन्दा हूँ। आशा करती हूँ कि आप इसे प्रेमपूर्वक एवं तहें दिल से स्वीकार कर मेरा हौसला बढ़ाएंगें। इस सफर में मिलने वाले सभी जनो को, मेरे माता-पिता, मित्रगण, गुरूजन एवं परिवार के समस्त सदस्यों का, जिन्होनें कहीं न कहीं मुझे लेखन के लिए प्रोत्साहित किया उनको मेरा आभार । प्रत्येक रचना को सृजन करने तथा नित नए भावों को पिरोकर नई कविता का रूप देने में मेरे लिए उत्साह, प्रेरणा मेरी प्रिय बेटी 'टिमटिम' है, यह पुस्तक उसके नन्हे हाथों में समर्पित करती हूँ।