मैं सर्व प्रथम सिद्धि देने वाले गणेश जी को नमस्कार करता हूँ फिर कर्म-साक्षी दीप नारायण तथा ज्ञान रूपी प्रकाश देने वाले भगवान सूर्य देव को नमस्कार करता हूँ। फिर माता-पिता, गुरू ईष्टदेव का सहर्ष भजन करता हूँ। मैं फिर माता सरस्वती एवं माता पार्वती सहित भगवान शंकर का स्मरण करता हूँ, तत्पश्चात मैं माता लक्ष्मी के एक मात्र स्वामी विष्णु को बार-बार प्रमाण करता हूँ।
मैं समस्त नर-नारी सज्जनों को नमस्कार करता हूँ और आसा करता हूँ कि एक साधरण ग्रामीण व्यक्ति द्वारा लिखित 'अजब है या गजब है' नामक पुस्तक अवश्य पढ़ने की कृपा करें, जिसमें अनके भावनाओं का समावेश है, उक्त लेख में प्राचीन वर्तमान एवं भविष्य के धर्मिक, अर्थिक और राजनैतिक प्रकरण का व्याख्या दी गयी है। उक्त पुस्तक में पारिवारिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय भावनाओं को भी दर्शाया गया है। मैं आसा करता हूँ कि प्रत्येक भाई-बहन व सज्जन पुरूष एक बार इस पुस्तक को अवश्य पढ़ेगें और मुझे अपना आशीर्वाद देंगें।