स्त्री-विमर्श के नव मूल्य स्थापित करती कविताएँ
अनिता कपूर जी की कृति *शब्दों के बीज* हाथ में है शीर्षक पर ही देर तक नज़र ठहरी रही। मन में एक मंथन इस शीर्षक को लेकर देर तक चला। कई प्रकार के विचार आ- आकर मन की चौखट पर दस्तक देने लगे। आख़िर क्या है शब्द बीज?
मन इस शीर्षक की परिभाषाएँ गढ़ने, तलाशने लगा। जिस प्रकार वनस्पति विज्ञान में बीज एक भ्रूण है जो सुरक्षात्मक बाह्य आवरण में लिपटा हुआ एक लघु अविकसित जीवन है। उर्वर मिट्टी,उचित तापमान, पर्याप्त नमी और आवश्यक धूप जैसी उचित पर्यावरणीय परिस्थियों में जो पौधे के रूप में विकसित होने में सक्षम होता है। ठीक उसी प्रकार से पल्लवित- पुष्पित होता है शब्द बीज।
कितना वैज्ञानिक व विस्तृत अर्थ लिए हुवे है इस पुस्तक का यह शीर्षक "शब्दों के बीज"।
शब्दों के बीज का शीर्षक साहित्य से विज्ञान और विज्ञान से साहित्य का एक अंतर संबंध भी स्थापित करता है।
इस शीर्षक की व्याख्या करने की कोशिश की तो इस निष्कर्ष पर पहुँची कि शब्द