संवाददाता भागलपुर
ति लकामांझी भा गलपुर विवि प्रशासन दो
मामलों को लेकर पूर्व वि त्तीय सलाहकार
रहे ऐनुलहक पर बुधवार को विवि थाने
में प्राथमि की दर्ज कराय ी है. इसमें और
भी लोगों को नाम जुट सकता है. शनि वार
को सि ंडि केट की बैठक में सर्व सम्मति से
निर्णय लिया गया था. विवि का आरोप
है कि पूर्व एफए ने कागज सप्ला इ के
लि ए 26 लाख व ट्रक भाड़ा के लि ए 86
हजार रुपय े दिय े, लेकि न अबतक विवि
को एजेंसी से कागज नहीं मि ले, न ही
राशि वाप स की गयी. मामले को लेकर
रजिस्ट्रा र कर्नल अरुण कुमार सि ंह ने
विवि थाने में पूर्व वि त्तीय सलाहकार पर
प्राथमि की दर्ज कराय ी है. विवि थाना
के थानाध्यक्ष संतोष शर्मा ने बताया कि
रजिस्ट्रा र ने पूर्व वि त्तीय सलाहकार पर
प्राथमि की दर्ज कराय ी है.
क्या है मामला. पूर्व कुलपति के
कार्यकाल में कागज की खरीद के लि ए
एक एजेंसी को 26 लाख रुपय े भुगतान
किया गया . कागज लाने के लि ए ट्रक
भाड़ा भी 85 हजार रुपय े भुगतान किया
गया . इस दौरान ऐनुल हक ही वि त्तीय
सलाहकार थे. दूसरे मामले में पट ना की
सुरक्षा एजेंसी प्रिसंपल सि क्यूरिट ी को
भी पहले चरण में 45 लाख रुपय े का
भुगतान किया . कुलपति नलि नी कांत
झा ने दूसरे चरण का 45 लाख भुगतान
करने से रोका. सुरक्षा एजेंसी की जांच
की गयी, तो चौंकाने वाला मामला
सामने आया . विवि फाइनांस कमेटी
से बि ना अनुमति की ही सुरक्षा एजेंसी
को पहले चरण में भुगतान किया गया .
कागज की खरीद के लि ए पूर्व
वि त्तीय व पूर्व रजि स्ट्रार ने बढ़ाय ी
थी फाइल. पूर्व वि त्तीय सलाहकार
ऐनुलहक ने बताया कि कागज खरीद
के लि ए विवि प्रेस के मैनेजर ने फाइल
बढ़ाय ी थी. फाइल उस समय के वि त्तीय
अधि कारी के यहां से होते हुए रजिस्ट्रा र
कार्यालय पहुंचा. रजिस्ट्रा र के हस्ताक्ष र
के बाद फाइल उनके पा स आयी थी.
उनलोगों के हस्ताक्ष र के बाद फाइल पर
उनके द्वारा हस्ताक्ष र किया गया . उन्होंने
बताया कि सुरक्षा एजेंसी प्रिसंपल
सि क्यूरिट ी उनके योगदान देने से पूर्व
ही विवि में कार्य कर रही थी. पूर्व के
अधि कारी द्वारा फाइल पा स किया गया
था. इसमें भुगतान करने के लि ए कहा
गया था. उनके ऊपर आरोप लगाय े जा
रहे हैं. आने वाले दि नों में सारा कुछ
स्पष्ट हो जाय ेगा.