स्वदेशी वस्तुओं के अधिकाधिक प्रयोग से देश की अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है. विदेशी कंपनियां, जो भारत का पैसा अपने देश ले जा रही हैं, अगर हम उनकी टक्कर का सामान बना सकें तो इस पैसे को बाहर जाने से रोक सकते हैं. अगर ऐसा हो जाए तो वह दिन दूर नहीं, जब देश व देशवासियों के ‘अच्छे दिन’ वास्तव में आ जाएं.