अहिंसक मानवीय बदलाव का गांधीवादी दृष्टिकोण दुनिया के तमाम देशों में धीरे-धीरे लेकिन लगातार ध्यान आकृष्ट कर रहा है. गांधी के अपने देश भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आमद के चलते पश्चिमी देशों से जो आवागमन बढ़ा, उसने कुछ सालों में ही युवा पीढ़ी को भी इस महानायक के विषय में सोचने पर मजबूर कर दिया. राष्ट्रीय हिंदी पत्रिका उदय सर्वोदय का एक सिंहावलोकन: