pसमय पत्रिका के इस अंक में पढ़ें पिशाच की खास बातें। यह पुस्तक इस साल की सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली क़िताबों में शामिल है। प्रकाशन के कुछ समय बाद ही इसे रीप्रिंट करना पड़ा है। पिशाच के लेखक हैं टीवी के जानेमाने पत्रकार संजीव पालीवाल जिनका पहला उपन्यास नैना भी इसी तरह चर्चित हुआ था और उसने क्राइम-थ्रिलर किताबों की सूची में अपना खास स्थान बनाया था।p
pवरिष्ठ लेखिका सुधा मूर्ति ने बच्चों के लिए कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की है। दादा-दादी की कहानियों का पिटारा उनकी इस साल प्रकाशित किताबों में चर्चित रही है। इसमें वो दिलचस्प कहानियाँ हैं जिन्हें उन्होंने लॉकडाउन के दौरान सँजोया है। संकलन में 19 कहानियाँ हैं।p
pपौराणिक कथा पर आधारित मनीष भार्गव का नया उपन्यास है -नल दमयंती। उपन्यास की जीवन-गाथा मन को झकझोरती है।p
pअंक में बाइज़्ज़त बरी पुस्तक पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। पत्रकार मनीषा भल्ला और डॉ. अलीमुल्लाह ख़ान द्वारा लिखी यह किताब दिल को दहला देती है। कई जगह ऐसी दास्तानें हैं कि उन्हें पढ़कर आँखें नम हो सकती हैं। इंसान कितना क्रूर है और अमानवीयता क्या होती है, बाइज़्ज़त बरी को पढ़कर जाना जा सकता है।p
pहेल्ले हेल्ले द्वारा रचित उपन्यास आज की बात करें की भी चर्चा है। यह उपन्यास वर्ष 2011 में मूल रूप से डेनिश में प्रकाशित हुआ था। यह द गोल्डन लॉरेल पुरस्कार से सम्मानित लेखिका की किताब है, जिन्हें साहित्य का प्रतिष्ठित सम्मान 2012 में मिला था।p
pज़ेन के बारे में जानना सरल जीवन जीने की ओर कदम बढ़ाना है। इस पुस्तक की खास बातें पाठकों को बताई गयी हैं।p
pसाथ में पढ़ें नई किताबों की चर्चा।p