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व्यर्थ वस्तू - प्राचीन काल की कथा है। एक ऋषि के आश्रम में सौ विद्यार्थी विद्यासम्पादन कर रहे थे। इस कहानी में हम सब को सीख मिलती है कि इस जग की हर वस्तु कुछ न कुछ कार्यभाग लेके पैदा हुई है।
बोझ - भारत में राजस्थान नामक एक राज्य है। ज़्यादातर इस राज्य में रेत पायी जाती है, उस कारणवश रेगिस्तानी इलाका है। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि आप कोई भी चीज़ बिना किसी स्वार्थ के अपनों के लिए करें, तो उस बात का हमें बोझ महसूस नहीं होता।
परवरिश - रामदेव ने उस छोटे से टुकड़े को इस तरह भींच लिया था जैसे वह कागज न होकर उसका बेटा अरुण हो। उसने तो ऐसा कुछ भी नहीं किया था कि अरुण घर छोड़ कर चला जाए।
चींटियाँ इतनी भी बुरी नहीं होतीं - बंसी किसान का बेटा है। उसके पिता के पास एक बहुत बड़ा खेत है जिस पर उन्होंने इस बार गन्ने की फसल लगाई है। इस कहानी में बंसी और उसका दोस्त उत्तम, चींटियों का महत्व सीखतें हैं।