love dharmsala


Buy Now @ ₹ 100.00 Preview
pमेरे लिये इस उपन्यास का लिखना वैसा ही रहा है, जैसे किसी विकट पीड़ा के दौरान तन-मन से प्रभु से प्रार्थना करना। इसे लिखने का मेरा उद्देश्य मात्र और मात्र अपनी प्रेयसी, अपनी पत्नी को रोजाना के पलों में याद करना, महसूस करना और उसके साथ जीना है।brवर्ष 2014 में मेरे विवाह के उपरान्त अब तक प्रेम का विरह रूप ही हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। मैं और मेरी पत्नी अनिका, दोनों केन्द्र सरकार की सेवा में हैं। किन्तु दुर्भाग्यवश कुछ प्रशासनिक उदासीनताओं के चलते हम दोनों देश के अलग-अलग राज्यों में सेवा करने और रहने को विवश रहे हैं। अनिका हिमाचल प्रदेश में और मैं उत्तर प्रदेश के लखनऊ में।brखैर मुझे विश्वास है कि हमारी प्रार्थना और हमारे पावन-प्रेम की प्रगाढ़ता रंग लायेगी और जल्द ही हम दोनों एक छत के नीचे सुख-दुःख के क्षणों के साझीदार होंगे। यह उपन्यास आप तक पहुँचाते समय भी मुझे लग रहा है कि मैं यही प्रार्थना मन ही मन दोहरा रहा हूँ, बार-बार.... निरन्तर ।brउपन्यास का भावनात्मक और साहित्यिक मूल्यांकन अब आपके हाथ में।p