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pआचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा का व्यक्तित्व अद्भुत था, बहुआयामी था, बहुवर्णी था, बहुपक्षीय था। वे बिहार विश्वविद्यालय के एम. जे. के. कॉलेज बेतिया M.J.K. College, Bettiah में अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष थे। एम. जे. के. कॉलेज बेतिया को अंगीभूत बनाने में रवीन्द्रनाथ ओझा की ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण भूमिका रही - शिक्षकbrसंघ के सचिव रहते हुए ओझा जी को आमरण भूख हड़ताल पर भी जाना पड़ा था। ओझा जी ने शिक्षकों और विद्यार्थियों के कल्याणार्थ अनेक बार भूख हड़ताल किया। ये तो सर्वविदित है कि जे. पी. आन्दोलन में सक्रियता के चलते उन्हें मीसा MISA में भी गिरफ्तार किया गया। ओझा जी ट्रेड यूनियनिस्ट भी रहे हैं। और यही नहीं। आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा एक आदर्श, निष्पक्ष एवं निर्भय शिक्षक के साथ साथ एक प्रसिद्ध साहित्यकार-रचनाकार भी रहे हैं, कवि भी, समालोचक-समीक्षक भी, चर्चित पत्र-लेखक भी - एक लब्धप्रतिष्ठित ललित निबंधकार भी। और हाँ एक अत्यंत प्रभावशाली वक्ता भी। आपको मैं ये भी बताना चाहूँगा कि ओझा जी एक सफल निर्देशक भी थे। p