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pspan stylecolor: 0f1111; font-family: Amazon Ember, Arial, sans-serif; font-size: 13px; background-color: ffffff;तुलसीदास बाल्य काल से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। उन्होंने बचपन में ही संस्कृत सीख ली और चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त किया। तुलसीदास ने काशी में वेदों का ज्ञान प्राप्त किया। तुलसीदास जी ने लगभग १५७४ के आस पास लेखन कार्य शुरू किया। उनकी बहुत सी रचनाये हैं जिनमे राम चरित मानस सर्वाधिक लोक प्रिय है। राम चरित मानस में चौपाई के माध्यम से भगवान् श्री राम की महिमा और चरित्र का विस्तार से वर्णन है।spanp
pspan stylebackground-color: ffffff;span stylecolor: 0f1111; font-family: Amazon Ember, Arial, sans-serif;span stylefont-size: 13px;TULSIDAS KE DOHO KI UPYOGITAspanspanspanp