मीडिया और मुद्दे media aur mudde


Buy Now @ ₹ 150.00 Preview
p classMsoNormal stylemso-pagination: none; mso-layout-grid-align: none; text-autospace: none;span langHI stylefont-size: 14.0pt; line-height: 115; font-family: Aparajita,sans-serif;पत्रकारिता जगत में रुचि तथा लगाव छात्र जीवन से ही रहा है। पर छात्र जीवन में विभिन्न समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं को पढ़नाspanspan stylefont-size: 14.0pt; line-height: 115; font-family: Aparajita,sans-serif;, span langHIमंथन करना और फिर लेखक की अवधारणाओं के विषय में निष्कर्ष निकलना ही संभव हो पाता था। ऐसे में पत्र पत्रिकाओं के सैद्धांतिक दुनिया तक ही सीमित रहा। यह सर्वविदित है कि 30 मई 1826 ई. युगल किशोर शुक्ल ने उदंत मार्तंड से हिंदी पत्रकारिता का आगाज करते हुए सत्य तथा कल्याणकारी सूचनाओं को भारतीय नागरिकों के सामने रखना इसका उद्देश्य घोषित किया। साथ ही साथ पाठकों तथा नागरिकों का अपनी भाषाspan, span langHIसंस्कृति और देश के प्रति लगाव हो सके यह परोक्ष उद्देश्य भी उसमें सन्निहित रहा।spanspanp p classMsoNormal stylemso-pagination: none; mso-layout-grid-align: none; text-autospace: none;span langHI stylefont-size: 14.0pt; line-height: 115; font-family: Aparajita,sans-serif;span stylemso-spacerun: yes;     spanदेश के आजादी के दौरान पत्रकारिता की दुनियाँ में महात्मा गाँधीspanspan stylefont-size: 14.0pt; line-height: 115; font-family: Aparajita,sans-serif;, span langHIजवाहरलाल नेहरुspan, span langHIअबुल कलाम आजाद तथा डा. आम्बेडकर का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। इन स्वतंत्रता संग्रामियों ने जहाँ एक ओर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ा वहीं पर पत्रकारिता जगत में सेवाspan, span langHIसृजन तथा जागरुकता रुपी मूल्य स्थापित करके आने वाली पीढ़ी के लिए पथप्रदर्शक की भूमिका अदा किया। इस पुस्तक में सुधी पाठकों को कुछ महापुरुषों के नजरिये में पत्रकारिता के विषय में धारणीय और पाठनीय सामाग्री उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है।spanspanp p classMsoNormal stylemso-pagination: none; mso-layout-grid-align: none; text-autospace: none;span langHI stylefont-size: 14.0pt; line-height: 115; font-family: Aparajita,sans-serif;span stylemso-spacerun: yes;       spanमहापुरुषों के साथ-साथ वर्तमान दौर की पत्रकारिता का गाँवोंspanspan stylefont-size: 14.0pt; line-height: 115; font-family: Aparajita,sans-serif;, span langHIयुवाओंspan, span langHIमहिलाओंspan, span langHIउपेक्षित वर्गोspan, span langHIपर्यावरण तथा सत्ता से क्या लगाव हैspan span langHIउसके सकारात्मक तथा नकारात्मक रुख को स्पष्ट करने का प्रयास विभिन्न लघु लेखों के माध्यम से करने की कोशिश है। वर्तमान पत्रकारिता जगत की चुनौतियाँ तथा पेशे के जो सरोकार और मूल्य है उसमें किस कदर गिरावट हो रही हैspan span langHIप्रबुद्ध पाठक कुछ लेखों के माध्यम से आसानी से अवगत हो सकते है। आज की मीडिया का सोशल हो जाना इस पुस्तक की विशेष बात है। वर्तमान पीढ़ी इस प्लेटफार्म से जुड़ गई है या उसका मन इससे सम्बन्ध बनाने के लिए मचलता रहता है। इस लोकप्रिय सामाजिक मीडिया से संबंधित कुछ लेख पाठकों तथा लेखकों का ध्यान अपनी तरफ अवश्य आकर्षित करेंगे। जहाँ तक इस पुस्तक की बात है तो इसमेंspan stylemso-spacerun: yes;  spanसामाग्री के चयन तथा विश्लेषण इस उम्मीद से किया गया है कि वह पाठकों तथा मीडियाकर्मियों में एक मौलिक तथा नैतिक नजरिया विकसित करेगा।बसspan stylemso-spacerun: yes;  spanहम इस उम्मीद के साथ अपनी बातों को विराम देते है कि आप जैसे विद्वत पाठकों और सुधीजनों का प्रेम और पठनीयता ही मीडिया और मुद्दे पुस्तक की सार्थकता तथा सफलता निर्धारित करेगी।spanspanp p classMsoNormal stylemso-pagination: none; mso-layout-grid-align: none; text-autospace: none;span langHI stylefont-size: 14.0pt; line-height: 115; font-family: Aparajita,sans-serif; spanp