पाकिस्तानी शायरी के स्वर्णिम हस्ताक्षर और उर्दू में नयी ग़ज़ल को प्रतिष्ठित करने वाले नासिर काज़मी हमारे दौर के उन शायरों में सर्वोपरि हैं, जिनके शेरों में हमारे दौर की आहट सुनाई देती है।
अपनी धुन में रहता हूँ
मैं भी तेरे जैसा हूँ
कहने वाले नासिर काज़मी की आवाज़ इस दौर के हर उस शख़्स की आवाज़ है जो उदासी और अकेलेपन के अँधेरे और घने जंगल से बाहर आने का रास्ता ढूँढ़ रहा है।
नासिर काज़मी की हृदयस्पर्शी ग़ज़लों का एक बेहतरीन संकलन